रांची।
राज्यसभा चुनाव 2016 में हॉर्स ट्रेडिंग मामले में निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता और कांग्रेस के तत्कालीन विधायक निर्मला देवी के बातचीत की कथित रिकॉर्डिंग मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने इस केस के IO से कहा है कि अगर वे जरूरी समझें तो ऑडियो की फोरेंसिक जाँच कराने के लिए आवेदन कोर्ट में कर सकते हैं.
शनिवार को एडीजे अनुराग गुप्ता द्वारा हाईकोर्ट में दायर हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस आनंदा सेन की अदालत ने इस केस के अनुसंधान अधिकारी को ये निर्देश दिया. अनुराग गुप्ता ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर कहा था कि ऑडियो टेप की वैधता की जांच नहीं की जा रही है. इसके लिए वे कई बार आग्रह कर चुके हैं, लेकिन फॉरेंसिक जांच नहीं की जा रही है. इसकी जांच जरूरी है.
Advocate General राजीव रंजन ने बताया कि "मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर केस के दौरान अनुसंधान अधिकारी (IO) ऑडियो टेप की फॉरेंसिक जाँच कराना चाहता है तो तय समय सीमा के अन्दर अदालत में आवेदन कर सकता है."
जानकारी हो कि निलंबित चल रहे ADG अनुराग गुप्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मामले में हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. एडीजी अनुराग गुप्ता की ओर से दाखिल याचिका में राज्यसभा से जुड़े मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की गई है.
बता दें कि मामला राज्यसभा चुनाव-2016 से जुड़ा है. राज्यसभा चुनाव में वोट के लिए धमकाने के आरोप में एडीजी अनुराग गुप्ता व पूर्व सीएम रघुवर दास के राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार पर जगन्नाथपुर थाना में 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी. उनपर आरोप है कि वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच दिया था. विधायक को धमकी देने का भी उनपर आरोप है. राज्यसभा चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संवाददाता सम्मेलन कर इससे संबंधित ऑडियो सीडी जारी की थी. वहीं, एडीजी अनुराग गुप्ता करीब 12 महीने से निलंबित चल रहे हैं. बीते 14 फरवरी 2020 को सरकार ने एडीजी अनुराग गुप्ता को निलंबित कर दिया था.