दुमका।
नए साल के पहले दिन बासुकिनाथ मंदिर के गर्भगृह में घटी घटना से पूरा नगर आहत है. गर्भगृह में पुरोहित सुमित कुमार झा की मौत की गुत्थी तीन दिन बाद भी नहीं सुलझ पायी है.
नये साल के पहले दिन बासुकिनाथ मंदिर के गर्भगृह में पुरोहित सुमित कुमार झा की मौत गर्भ गृह में दौड़े बिजली करंट की चपेट में आने से हो गयी थी. जिसका सीसीटीवी फूटेज सामने आया है. फुटेज में दिख रहा कि अचानक गर्भगृह में बिजली करंट की बात पर श्रद्धालुओं के बीच अफरातफरी मच जाती है. वहां मौजूद पुरोहित भी खुद को बचाने की कोशिश करते हैं. रस्सी के सहारे सुमित कुमार झा भी खड़ा होता है, लेकिन श्रद्धालुओं के भागम-भाग वाले माहौल के बीच सुमित नीर निकास रास्ते पर लगी स्टील जाली के उपर गिर जाता है. जहां करंट दौड़ रही होती है. सुमित स्टील जाली के उपर गिरते ही छटपटाने लगता है. गर्भगृह से श्रद्धालु जान बचाकर बाहर निकल जाते हैं. जबकि, अंत तक पूजारी दिनेश झा वहीं बैठे रहते हैं, दिनेश बिजली कनेक्शन कटने के बाद ही बाहर निकलते हैं. लेकिन तबतक सुमित दम तोड़ चूका होता है.
पूजारी दिनेश झा ने इस मामले पर बताया कि सुमित की मौत बिजली करंट से तड़प कर ही हो गयी. अफरा-तफरी के बाद मंदिर के कुछ पंडों ने बिजली मिस्त्री से गर्भगृह में प्रवाहित बिजली कनेक्शन को कटवाया. इसके बाद गंभीर अवस्था में सुमित को उठाकर बाहर निकाला गया.लेकिन, उसे बचाया नहीं जा सका.
सवाल ये भी उठ रहे कि जब पंडा उज्जवल झा के द्वारा गर्भगृह में सुबह 9.33 बजे बिजली करंट प्रवाहित होने को लेकर विद्युत कनेक्शन डिसकनेक्ट करवाया गया था तो फिर किसके आदेश से गर्भगृह में विद्युत कनेक्शन दिया गया.
वहीं, मुख्यमंत्री के आदेशानुसार जाँच टीम गठित हो सुमित के मौत की गुत्थी सुलझाने की कोशिश जारी है, साथ ही दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.
इधर, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने पूरे मामले पर दुःख व्यक्त करते हुए व्यवस्था को लेकर नाराज़गी भी ज़ाहिर की है. उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है कि "देवघर व वासुकिनाथ मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष जबसे मुख्यमंत्री हुए हैं, व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है, मीटिंग कभी होती नहीं, निर्णय कौन लेगा ज़िम्मेदारी नहीं ? श्रध्दालु की सुविधा नहीं बढ़ रही। समय आ गया है वासुकिनाथ की इस हृदय विदारक घटना से सबक़ लेने का। मैं इस मृतक के परिजनों को व्यक्तिगत तौर पर मदद करूँगा ।"