रांची
देवघर में एलकोसी धाम की जमीन रजिस्ट्री में धाेखाधड़ी के दर्ज केस में गाेड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गाैतम व उनकी कंपनी काे हाइकाेर्ट से बड़ी राहत मिली है। गुरूवार काे जस्टिस आनंदा सेन की काेर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि अनामिका गाैतम और उनकी कंपनी पर विष्णुकांत झा और किरण देवी के द्वारा केस दर्ज किया गया था। उसका इस जमीन रजिस्ट्री से काेइ लेना देना नहीं है। उनदाेनाें काे इस मामले से काेइ निजी क्षति नहीं हुइ है। इसलिए यह मामला कानूनी प्रक्रिया काे दुरूपयाेग जैसा है, इसलिए अनामिका गाैतम व उनकी कंपनी पर दर्ज दाेनाें केस काे निरस्त किया जाता है।
काेर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सरकारी राशि की क्षति पहुंचाने का जाे आरोप है ताे ऐसी सूरत में विषणुकांत झा और किरण देवी के द्वारा कराए केस में इन दाेनाें काे काेइ नुकसान नहीं हुआ है। उनका इस केस से काेइ लेना देना नहीं है। जहां तक जमीन रजिस्ट्री में धाेखाधड़ी व जालसाजी का आरोप जैसा है। ऐसा कुछ भी नहीं है।
देवघर के टाउन थाना में सांसद की पत्नी अनामिका गाैतम के खिलाफ दाे केेस दर्ज किए गए थे। देवघर में जमीन खरीद से जुड़े मामले में हाइकाेर्ट ने चार फरवरी काे दाेनाें पक्षाें की ओर से बहस पूरी सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अनामिका गाैतम ने हाइकाेर्ट में याचिका दायर कर दाेनाें प्राथमिकी काे रद्द करने की मांग की थी। पिछली सुनवाइ के दाैरान अनामिका गाैतम की ओर से सुप्रीम काेर्ट के वरिषठ अधिवक्ता मुकुल राेहतगी ने काेर्ट में कहा था कि जमीन खरीद का मामला आपराधिक नहीं, बल्कि सिविल विवाद है। जमीन खरीदने के लिए याचिकाकर्ता की ओर से किसी तरह का काेइ भी फर्जी दस्तावेज तैयार नहीं किया गया है।